प्रस्तावना
भारत का राष्ट्रीय झंडा जो की तिरँगा के नाम से जाना जाता है और यह हमारे राष्ट्र के गौरव का प्रतिक है। यह भारतीय गणराज्य का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है। तिरंगा हमारे देश के एकता और अखंङता को दर्शाता को है इसी कारणवश देश के सभी नागरीक इसका सम्मान करते हैं।
तिरँगा देश के सभी सरकारी भवनों पे फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस, स्वतन्त्रा दिवस और गांधी जंयती जैसे अवसरो पऱ तिरंगा फहराना एक सामान्य प्रथा है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का महत्व
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारे देश के सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता और इतिहास को दर्शाता है। हवा में लहराता हुआ तिरंगा हमारी आज़ादी का प्रतिक है। यह हम भारतीय नागरिको को उन स्वतंत्र सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ते हुए देश के लिए बलिदान दिया।
इसके साथ ही यह हमे विनम्र रहने की भी प्रेरणा देता है तथा हमारे स्वतन्त्रा और आजादी के महत्व को दर्शाता है, जो हमे इतने अथक प्रयासों के बाद मिली है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं क्योंकि इसमें तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इसमें से सबसे उपर केसरिया रंग तटस्थता को दर्शता है, जिसका अर्थ है कि हमारे देश के नेताओ को सभी भौतिकवादी चीजो से तटस्थ रहना चाहिये और राष्ट्र की सेवा उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। इसके बाद मध्य में आता है सफेद रंग जोकि सत्य और पवित्रता को दर्शता है, जिसका अर्थ है कि हमे सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिये।
तिरंगे के सबसे निचले हिस्से मे हरा रंग होता है जोकि हमारे देश की मिट्टी और प्राकृतिक धरोहर को दर्शाता है। इसके साथ ही तिरंगे के मध्य मे अशोक चक्र का चिन्ह अंकित है जोकि धर्म के नियम को प्रदर्शित करता है, यह दर्शाता है कि धर्म और सदाचार राष्ट्र सेवा के मुख्य गुण है। इसके साथ ही यह हमें जीवन मे चुनौतियो और क िनाइयों के को पार करके निरन्तर आगे बढने की प्रेरणा देता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास बहुत ही रोचक है, सन् 1921 में भारतीय स्वाधीनता संर्घष के दौरान सर्वप्रथम महात्मा गाँधी के मन में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के लिये एक झंण्डे का विचार आया। इस झंण्डे के मध्य में चरखे का घूमता हुआ पहिया बना हुआ था। जोकि गाँधी जी के देशवासियों को चरखे द्वारा खादी कातकर उससे कपडे बनाकर स्वालम्बित बनने के लक्ष्य को दर्शाता था, समय के साथ इसमे कई परिवर्तन आये और भारत के आजादी के समय इसमे और कई बदलाव किये गये। जिसमें चरखे के पहियें को अशोक चक्र से परिवर्तित कर दिया गया, जोकि धर्म चक्र को प्रदर्शित करता करता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के नियमानुपालन से जुडी महत्वपूर्ण बातें
भारतीय गणराज्य के प्रत्येक व्यक्ति से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के आदर और सम्मान करने की अपेक्षा रखी जाती है। इसी कारणवश राष्ट्रीय ध्वज के अनादर को रोकने को लिये कुछ नियम-कानून बनायें गये है। इन्ही में से कुछ नियम क्रमशः नीचे दिये गये हैं।
निष्कर्ष
हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारे गौरव का प्रतीक है, हमे हर कीमत पर इसके गरिमा की रक्षा करनी चाहिये। तिरंगा सदैव ऊँचा फहराया होना चाहिये क्योंकि ये हमारी उस आजादी का प्रतीक है, जो हमे इतने वर्षो के संर्घषो और बलिदानों के बाद मिली है।
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